Rumored Buzz on Shodashi

Wiki Article



The working day is noticed with good reverence, as followers stop by temples, offer you prayers, and engage in communal worship functions like darshans and jagratas.

The anchor on the right hand reveals that the individual is concerned with his Convalescence. If made the Sadhana, will get the self self-assurance and every one of the hindrances and obstacles are removed and the many ailments are eradicated the image which happens to be Bow and arrow in her hand.

काञ्चीवासमनोरम्यां काञ्चीदामविभूषिताम् ।

अष्टमूर्तिमयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥८॥

साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।

ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥

पुष्पाधिवास विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

Goddess Shodashi has a third eye around the forehead. She's clad in purple costume and richly bejeweled. She sits on the lotus seat laid on a golden throne. She's proven with four arms during which she retains 5 arrows of bouquets, a noose, a goad and sugarcane for a bow.

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह Shodashi अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा समाकल्पितैः

कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां

कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥

इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।

यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।

Report this wiki page